अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

नीरज कुमार महंत

21 जून 2015 को पहली बार दुनिया भर में योग दिवस को किसी त्योहार की तरह मनाया गया। आज 2020 में इस त्योहार को पूरे पांच साल हो गए हैं। हालांकि, इस साल एक अनोखा संयोग भी बन रहा है। इस साल 21 जून को ही सूर्य ग्रहण भी दिखने वाला है। ग्रहण सुबह 09:15 बजे से शुरू हो कर दोपहर के 03:04 बजे तक रहेगा, ख़ास बात यह है कि लोग 12:10 बजे दोपहर में पूर्ण ग्रहण देख सकेंगे।

इस दौरान कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता और विशेष तौर पर पूजा पाठ भी नहीं‌ की जाती है।
वैसे देखा जाए तो एक महिने में दो दो ग्रहण जैसे संयोग का होना शुभ संकेत नहीं है, ऐसी चिंता कई ज्योतिषों ने जताई है।

जहां तक योग की बात है, योग हमारे जीवन मे 5000 साल से भी पुर्व से बना हुआ है। योग भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है। योग की महत्वता आज जब पूरे विश्व में इतनी बढ़ गई है कि लगभग दुनिया भर के करोड़ों लोग इससे जुड़ रहे हैं और योग के प्रति दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं।

इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हमने धनबाद में स्थित योगविद्या की योगाचार्या अर्चना शेखर जी बात की, जो बताती हैं कि योग हमारे जीवन में एक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। योग से हम अपनी शारीरिक प्रबलता बढ़ा सकते हैं और अपने आप को इतना सुदृढ़ बना सकते हैं कि हम जीवन में निरोग रह कर मानव जाति के लिए उदाहरण रख सकते हैं।

ध्यान रखने योग्य बात ये भी है कि इस साल कोई भी कहीं भी सामाजिक एकजुटता करता दिखाई नहीं देगा। इस साल सभी लोगों से आग्रह भी है कि घर पर रह कर ही इस त्योहार को मनाने में सहयोग दें।

योग हमारे जीवन में अनुशासन लाता है, जिससे मन और तन दोनो को स्थिरता मिलती है। योग से हर तरह की बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है। गौर करने वाली बात यह भी है कि हमारे देश में आज भी ऐसे कई शहरी और ग्रामीण इलाके हैं जहां योग को कोई भी विशेष नहीं समझता। इससे लोगों में जागरूकता पैदा करने में दिक्कत आती है।

योग हज़ारों सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी हमें विरासत में मिली है, और कुछ नहीं तो कम से कम इसे विरासत समझ कर ही हमें आगे बढ़ाना चाहिए ताकि हम सब स्वस्थ रहें और दूसरों को स्वस्थ रहने की प्ररेणा दें।