झारखंड बजट की खास बातें
रांची, 19 फ़रवरी 2016 : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज विधानसभा में राज्य का वित्त वर्ष 2016-17 का वार्षिक आम बजट पेश किया. मुख्यमंत्री ने कुल 63,502.28 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें योजना मद में 37,065.35 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. साथ ही गैरयोजना मद में 26,433.34 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. रघुवर सरकार ने अपने बजट में साम्य साधने की कोशिश की है. उन्होंने गांव, महिला, किसान के साथ शहर, शिक्षा व युवा का भी बजट में ख्याल रखने का भरपूर प्रयास किया है. पढिए रघुवर सरकार के बजट के प्रमुख बिंदु :
बजट 2016-17 की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं :
– वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते समय सरकार द्वारा की गयी कुल 173 घोषणाओं में अबतक 109 कार्यान्वित. शेष 64 कार्यान्वयन की प्रक्रिया में. पहली बार कृत कार्रवाई प्रतिवेदन ATR का सदन के पटल पर उपस्थापन.
– आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 37,065.35 करोड़ रुपये के योजना बजट के साथ 26,437.34 करोड़ रुपये के गैर योजना बजट का आकलन.
– कुल बजट में योजना 57.91 प्रतिशत तथा गैर योजना 42.09 प्रतिशत. विगत वर्ष से योजना मद में अधिक उपबंध.
– कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्रों के लिए कृषि बजट, जो कुल वार्षिक योजना उपबंध का 13.07 प्रतिशत.
– महिलाओं के विकास हेतु कुल 11 विभागों के आगामी वित्तीय वर्ष में समस्त योजना उद्व्यय के अधीन वैसे कार्यक्रम जिनमें जेन्डर बजट का प्रावधान है, का सकल उद्व्यय 13,515.73 करोड़ रुपये है, जिसमें से 43.72 प्रतिशत राशि महिलाओं के विकास हेतु कर्णांकित करने का प्रस्ताव है.
– आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के वार्षिक उपबंध को गत् वर्ष की तुलना में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाते हुए दोगुना से अधिक करने का प्रस्ताव. इस मद में कुल 2,426.40 करोड़ रुपये का उपबंध प्रस्तावित है.
– उच्च शिक्षा के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 280.00 करोड़ रुपये का योजना मद में उपबंध किया गया है, जो गत वित्तीय वर्ष के मूल उपबंध (182.88 करोड़ रुपये) से 53.10 प्रतिषत अधिक है.
– कल्याण विभाग के लिए चालू वित्तीय वर्ष में प्रावधानित 1149.76 करोड़ रुपये के विरुद्ध आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1751.15 करोड़ रुपये योजना मद में प्रावधानित किए जाने का प्रस्ताव है, जो उपबंध में 52.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
– वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए चालू वित्तीय वर्ष में प्रावधानित 256.73 करोड़ रुपये के विरुद्ध आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में 389.38 करोड़ रुपये योजना मद में प्रावधानित किए जाने का प्रस्ताव है, जो उपबंध में 51.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
- कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास तथा संबद्ध प्रक्षेत्र
– राज्य के सभी 24 जिला मुख्यालयों तथा प्रथम चरण में 100 प्रखण्ड मुख्यालयों में कृषकों के लिए ‘‘कृषि सिंगल विंडो” की स्थापना.
– गाँव का पानी गाँव में, खेत का पानी खेत में.
– एक लाख डोभा का निर्माण.
– 1,000 लिफ्ट इरिगेशन का स्वयं सेवी सहायता समूह के माध्यम से संचालन.
– सोलर पम्पस का अधिष्ठापन.
– जैव खेती को बढ़ावा.
– ट्रैक्टर के स्थान पर पावर टीलर का उपयोग.
– कृषकों तथा संबंधित पदाधिकारियों को प्रशिक्षण.
– फसल बीमा योजना का व्यापक प्रसार.
– शीतगृहों की स्थापना.
– विधायक योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाली निधि की राशि को रुपये 3 करोड़ से बढ़ाकर अब रुपये 4 करोड़ किया जाना. बढ़ी हुई राशि का उपयोग कृषि के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में किया जा सकेगा. शहरी क्षेत्र के लिए अलग प्रावधान.
– विधायक योजना की राशि की निकासी की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जाना. अब जिला मुख्यालय स्तर के डी॰डी॰ओ॰ के बजाय सभी विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग डी॰डी॰ओ॰ बनाये जाने का प्रस्ताव.
– भारत रत्न डाॅ बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती वर्ष के अवसर पर आगामी वित्तीय वर्ष से राज्य योजना की राशि से ‘‘बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना” राज्य में प्रारम्भ करने का प्रस्ताव.
– आगामी वित्तीय वर्ष में सभी प्रखण्ड भवनों के निर्माण की महती कार्य योजना का प्रारम्भ. आगामी तीन वर्षों में आवश्यकतानुसार प्रखण्डों के नए प्रखण्ड-सह-अंचल भवन का निर्माण.
– आगामी वित्तीय वर्ष में सभी पंचायतों के लिए भी पंचायत सचिवालय भवनों का निर्माण एवं वर्ष 2017-18 तक उनसबों में ब्राॅड-बैण्ड की कनेक्टिविटी की उपलब्धता.
– लघु एवं सीमान्त किसानों विशेषकर महिला किसानों की आजीविका संवर्द्धन हेतु ‘माइक्रोड्रिप” प्रणाली द्वारा सिंचाई से हार्टिकल्चर के गहनीकरण की योजना के तहत् 30 प्रखण्डों में आने वाले 30 हजार किसानों को ‘माइक्रोड्रिप’ प्रणाली एवं उनके माध्यम से फल एवं सब्जी उत्पादन के लिए प्रशिक्षण एवं उनके विपणन इत्यादि हेतु आवश्यक अधोसंरचना विकसित करने का प्रस्ताव.
– जलछाजन विधि के तहत रिज टू भैली अप्रोच के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन के उपचार से जल एवं भूमि संरक्षण.
– राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड से 29 नयी जलछाजन परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ.
– वृहद् एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं के अतिरिक्त वर्ष 2016-17 में बुढ़ई रिजरवायर योजना, कनहर रिजरवायर योजना, तहले रिजरवायर योजना, तोराई रिजरवायर योजना, सतपोतका रिजरवायर योजना, राढु रिजरवायर योजना, सलैया रिजरवायर योजना, सिलदा रिजरवायर योजना, सुगावथान रिजरवायर योजना, दोनाईकला रिजरवायर योजना, सवाने रिजरवायर योजना, कांची बराज प्रोजेक्ट, तारडीहा वियर स्कीम, महाने रिजरवायर योजना की नयी योजनाओं को प्रारंभ. इन योजनाओं से लगभग 32 हजार हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
2. छात्र/छात्राओं तथा युवाओं के लिए
– बालिका शिक्षा का विकास सरकार की प्राथमिकता.
– अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं हेतु मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना.
– 57 प्रखण्डों में कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की तर्ज पर झारखण्ड बालिका आवासीय विद्यालय की स्थापना की योजना.
– कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय के कक्षा-8 में अध्ययनरत् बालिकाओं को निःशुल्क टैब उपलब्ध कराने कक्षा-9 से कक्षा-12 तक की सभी कोटि की छात्राओं को निःशुल्क पोशाक, पाठ्य.पुस्तक एवं काॅपी वितरण की योजना को नयी योजनाओं के रूप में स्वीकृति.
– “विद्यालय चलें चलायें अभियान, 2015”, “पहले पढ़ाई, फिर बिदाई”, “स्वच्छ भारत”, “स्वच्छ विद्यालय: स्वस्थ बच्चे”, “हमारा विद्यालय कैसा हो”, “बाल समागम”, “कस्तूरबा संगम” आदि कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए शिक्षा को जन-जन के द्वार तक पहुँचाने का सफल प्रयास.
– आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में विद्यालयों में बेंच-डेस्क, विद्युत आपूर्ति तथा मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, पुस्तकालय, प्रयोगशाला तथा उपकरण की समुचित व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से किये जाने का प्रस्ताव.
– आगामी छह माह में माध्यमिक विद्यालयों में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति तथा छात्र के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाना.
– मध्याह्न भोजन योजना का गुणवत्तापूर्ण संचालन, व्यावसायिक शिक्षा का विस्तारीकरण, कम्प्यूटर शिक्षा एवं स्मार्ट क्लासेस की पर्याप्त व्यवस्था आदि प्राथमिकताएं.
– अतिरिक्त पोषण कार्यक्रम के तहत् पूर्व से दिये जा रहे अंडे एवं फलों के अतिरिक्त प्रस्ताव है कि जो बच्चे अंडा नहीं लेते हैं, उन्हें पौष्टिक एवं सुगंधित दूध दिया जाएगा. प्रथम चरण में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राँची जिले में लागू किये जाने का प्रस्ताव.
– सरकारी स्कूलों में अध्ययन कर रहे छात्र/छात्राओं को LED सोलर स्टडी लैम्प का निःशुल्क वितरण.
उच्च शिक्षा
– उच्च शिक्षा प्रक्षेत्र हेतु चालू वित्तीय वर्ष में कुल उपबंध 182.88 करोड़ रुपये के विरुद्ध आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 का उपबंध 280 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जो गत् वर्ष की तुलना में 53.1 प्रतिशत अधिक है.
– परीक्षाओं के दौरान भी कक्षाएँ अबाध चले इसके लिए प्रथम चरण में राज्य के दस जिलों में एक-एक बहुउद्देशीय परीक्षा भवन बनाये जाने का प्रस्ताव. यह कार्य आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्भ.
– राज्य सरकार का वर्ष 2022 तक चरणबद्ध तरीके से विधानसभा क्षेत्रवार महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव.
– राज्य सरकार सुरक्षा संबंधी पाठ्यक्रमों के अध्ययन-अध्यापन हेतु झारखण्ड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय. विश्वविद्यालय का शिलान्यास माननीय रक्षा मंत्री, भारत सरकार द्वारा सम्पन्न.
– “मेक इन इंडिया” को सफलीभूत करने हेतु राज्य के विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के कौशल विकास हेतु नया पाठ्यक्रम लागू करने की योजना, जिससे छात्र-छात्राएं पारंपरिक शिक्षा के अतिरिक्त व्यवसायिक/तकनीकी रूप से दक्ष हो सकें.
– राज्य सरकार केन्द्र प्रायोजित योजना “राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान” के अन्तर्गत प्रोफेशनल कॉलेज की स्थापना करने का प्रस्ताव.
– राँची विश्वविद्यालय, राँची, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग एवं कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा तथा तीस महाविद्यालयों के आधारभूत संरचना के विकास का प्रस्ताव.
– भारत सरकार के मानक के अनुरूप राज्य में अतिरिक्त 26 अभियंत्रण महाविद्यालयों की आवश्यकता. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा निजी एवं सरकारी क्षेत्र में अभियंत्रण महाविद्यालय स्थापित करने की योजना. इसके तहत् सरकार द्वारा पलामू, राँची एवं कोडरमा में अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना.
– राज्य के सभी प्रमण्डलों में एक-एक अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव.
– तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के प्रथम महिला अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना रामगढ़ जिले में किये जाने तथा इसका वित्तीय वर्ष 2016-17 में निर्माण कार्य प्रारम्भ.
– अभियंत्रण महाविद्यालय बी॰आई॰टी॰ सिन्दरी को नये रूप में विकसित करने की योजना. इसके लिए तैयार कुल 156.12 करोड़ रुपये के DPR पर तकनीकी स्वीकृति. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 में बी॰आई॰टी॰ सिन्दरी को भारत के मानचित्र पर नये रूप में स्थापित करने की महत्वाकाँक्षी योजना.
– राज्य में अतिरिक्त 80 नये पॉलिटेकनिकों की आवश्यकता के लिहाज से राज्य सरकार राज्य के सभी जिलों में पोलिटेकनिक संस्थान के स्थापना हेतु प्रतिबद्ध. वित्तीय वर्ष 2016-17 में पलामू में कार्य प्रारम्भ.
– राज्य सरकार द्वारा नवनिर्मित पोलिटेकनिक संस्थानों गोला, पाकुड़, चांडिल में वर्ष 2016-17 से 300-300 सीट पर नामांकन प्रारम्भ.
– तकनीकी संस्थानों में इनोवेटिव लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Digital Library की स्थापना, फ्री वाई-फाई की सुविधा, Video Lecture, Digital Note तथा लैपटॉप/टैब से संबंधित योजना.
– अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति की स्वीकृति तथा भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण.
– झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी के द्वारा राष्ट्रीय कौशल फ्रेमवर्क के तहत आगामी वित्तीय वर्ष में 50 हजार युवाओं को चिह्नित ट्रेड में प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य.
- महिलाओं के लिए
– महिलाओं के लिए जेंडर बजट.
– डेयरी विकास कार्यक्रम में महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को जोड़कर उनकी आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाना.
– राज्य की 40 वर्ष से उपर की सभी विधवाओं को राज्य विधवा सम्मान पेंशन योजना के तहत पेंशन दिये जाने का प्रस्ताव, इससे 1 लाख विधवा आच्छादित होंगी.
– दुमका, बोकारो, हजारीबाग, देवघर, सरायकेला एवं पलामू में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास का निर्माण.
– अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की 2000 महिलाओं को तीन पहिया/चार पहिया हलके मोटरयान का प्रशिक्षण तथा बैंक ऋण के माध्यम से उन्हें वाहन की उपलब्धता की व्यवस्था किया जाना.
– देवघर में नारी निकेतन एवं ट्रैफिकिंग से मुक्त कराये गये बच्चों के लिए ओपेन शेल्टर का निर्माण कराये जाने की योजना.
– पुलिस कर्मियों की नियुक्ति में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का पालन.
4. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, कल्याण तथा समाज कल्याण
– आदिम जनजाति विकास प्राधिकार (Primitive Tribe Development Authority) के गठन हेतु प्रावधान.
– आदिम जनजातियों हेतु बिरसा आवास निर्माण योजना का प्रावधान.
– मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत् आदिम जनजाति के सभी परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न निःशुल्क देने का प्रावधान.
– ‘‘आंगनबाड़ी केन्द्रों की सुदृढ़ीकरण” नाम से नयी योजना का प्रस्ताव.
– साहेबगंज एवं जामताड़ा में वृद्धाश्रम का निर्माण.
– राज्य के सभी जिलों में Pan IIT Alumini Reach for India Foundation के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना.
– छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान हो, इसके लिए पर्याप्त राशि का स्वीकृति. आवंटन तथा भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण.
– अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के अल्पशिक्षित बेरोजगार युवक/ युवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जायेगा.
– अनुसूचित जनजातियों के लिए कला एवं सांस्कृतिक केन्द्र, मांझी, परगना, पराहा, मानकी मुण्डा एवं धुमकुडि़या हाउस के निर्माण का प्रस्ताव.
– राज्य के एड्स पीडि़तों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभाग द्वारा इनके लिए HIV/AIDS पीड़ित व्यक्तियों हेतु राज्य पेंशन योजना प्रारंभ किए जाने की योजना है. इसके अंतर्गत लाभुको को 600/- रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जाएगा.
– सरकारी मूकबधिर एवं नेत्रहीन विद्यालय को उत्क्रमित कर +2 स्तर तक करने की योजना.
– राँची जिला में एक विशेष प्रशिक्षण महाविद्यालय-सह- विशिष्ट निःशक्त (दिव्यांग) केन्द्र खोलने की योजना.
– किशोर न्याय बोर्ड में बाल बंदियों के उपस्थापन एवं सुनवाई के निर्मित सभी किशोर न्याय बोर्ड एवं प्रतिप्रेषण गृहों में VC की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की योजना है.
– ह्यूमन ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं जन सहयोग से अभियान को और व्यापक किया जायेगा. देवघर में नारी निकेतन एवं ट्रैफिकिंग से मुक्त कराए गए बच्चों के लिए Open Shelter का निर्माण कराये जाने की योजना है.
अल्पसंख्यकों के लिए
– मुस्लिम समुदाय को हज यात्रा के लिए आवासन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हज हाउस के निर्माण का प्रस्ताव है.
– कब्रिस्तानों की घेराबंदी का भी प्रस्ताव है.
- स्वास्थ्य सुविधा संवर्द्धन
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में वृद्धि करते हुए कम्प्रेहेन्सिव हेल्थ इंस्युरेन्स कवरेज की योजना प्रारंभ किये जाने का प्रस्ताव है. इस योजना के तहत चिह्नित श्रेणी के लोगों को दो लाख रुपये तक के सेकेण्डरी एवं टर्शियरी केयर की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी.
– किडनी रोगियों को बेहतर जाँच एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ब्राम्बे, राँची में राष्ट्रीय स्तर के सुपर स्पेसियलिटी न्यूरोलाॅजी एवं नेफ्रोलाॅजी केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव है.
– ब्राम्बे, राँची में ही डायबिटीज के रोगियों के लिए राष्ट्रीय स्तर का डायबिटीज केयर सेन्टर स्थापित किये जाने का प्रस्ताव.
– कोडरमा जिला के करमा गाँव में अवस्थित केन्द्रीय श्रम मंत्रालय का अस्पताल एवं भूमि, जो राज्य सरकार को हस्तांतरण की प्रक्रिया में है, में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव.
– एम॰जी॰एम॰ मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर के परिसर में 500 शय्यावाला अस्पताल के निर्माण का प्रस्ताव.
– आई॰पी॰एच॰ भवन नामकुम में सामुदायिक स्वास्थ्य विषय पर तीन वर्षीय स्नातक स्तरीय पाठयक्रम प्रारंभ करने का प्रस्ताव.
– गैर सरकारी संगठनों एवं सामुदायिक भागीदारी से पैलियेटीव केयर की सुविधा प्रदान करने की योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव.
– राँची में सेन्ट्रल बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल यूनिट की स्थापना की जायेगी.
- वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
– वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए चालू वित्तीय वर्ष में प्रावधानित 256.73 करोड़ रुपये के विरुद्ध आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में 389.38 करोड़ रुपये प्रावधानित किए जाने का प्रस्ताव है, जो उपबंध में 51.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
– स्वर्णरेखा के प्राकृतिक सौंदर्य तथा इसके परिरक्षण के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय तथा जनसहयोग से एक विशेष कार्यक्रम.
– मुख्यमंत्री जन वन योजना की शुरुआत.
– जलवायु परिवर्तन के लिए बहु-विभागीय योजना के समन्वित कार्यान्वयन हेतु जलवायु परिवर्तन कार्य इकाई का गठन.
– Environment Friendly, Sustainable तरीके से ईको-टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जाना है.
7. आधारभूत संरचना
– पथ निर्माण हेतु चालू वित्तीय वर्ष के उपबंध 3,200 करोड़ रुपये को बढ़ाकर आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 4,000 करोड़ रुपये किए जाने का प्रस्ताव है.
– राज्य के लगभग 1,000 कि॰मी॰ पथों एवं 25 वृहद पुल योजनाओं का क्रियान्वयन किये जाने का प्रस्ताव.
– साहेबगंज गंगानदी पर चार लेन के पुल निर्माण की स्वीकृति.
– प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष के 4,500 कि॰मी॰ ग्रामीण पथों की स्वीकृति.
– आगामी वित्तीय वर्ष में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 200 कि॰मी॰ सड़क निर्माण.
– मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के अंतर्गत आगामी वर्ष में कुल 81 पुलों के निर्माण का प्रस्ताव.
– राज्य की राजधानी से महत्वपूर्ण नगरों, यथा; जमशेद्पुर, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद एवं पलामू के बीच द्रुत नन-स्टॉप वातानुकूलित बस सेवा का परिचालन प्रारम्भ कर दिया गया है. आगामी वित्तीय वर्ष में यह सेवा सभी जिला मुख्यालयों तक पहुँचायें जाने का लक्ष्य.
– ग्रामीण क्षेत्र की जनता को सुलभ सड़क परिवहन के लिए ग्रामीण बस सेवा भी अगले वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ कर दी जाएगी. इसके लिए 364 ग्रामीण मार्गों को चिन्हित करके इन रूटों के लिए परमिट निर्गत करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. ग्रामीण बस सेवा अगले वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्भ हो जाएगी.
– रांची स्थित कोर कैपिटल एरिया में नये सचिवालय भवन का निर्माण कार्य.
– रांची में अत्याधुनिक कन्वेशन सेन्टर का निर्माण कार्य.
– रांची में रवींद्र भवन का निर्माण कार्य.
– रांची स्थित कोर कैपिटल एरिया में विधान सभा के नये भवन का निर्माण कार्य (चालू योजना).
– रांची में झारखंड उच्च न्यायालय के नये भवन का निर्माण कार्य (चालू योजना).
– सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करना.
– सभी सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप पैनल की स्थापना कार्य.
– नयी दिल्ली में नये झारखंड भवन का निर्माण कार्य.
– उप राजधानी दुमका में आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य.
– झारखण्ड के विभिन्न जिलों में परिसदन भवनों का निर्माण/ जीर्णोंद्धार/सुसज्जीकरण कार्य (चालू एवं नई योजना) तथा धनबाद, गिरिडीह, सरायकेला, पलामू, साहेबगंज एवं बोकारो में न्याय सदन का निर्माण कार्य.
– स्वच्छ भारत मिशन के तहत 36 नगरीय निकायों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए परियोजनाएं तैयार की जा रही है. राँची नगर निगम में अपशिष्ट से ऊर्जा कार्यक्रम का कार्यान्वयन आगामी वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ.
– एच॰ई॰सी॰ क्षेत्र के 341 एकड़ जमीन पर राँची स्मार्ट सिटी अधिष्ठापित करने की राज्य सरकार की योजना है.
– अमृत योजना के तहत् सात शहरों के लिए वार्षिक कार्यकारी योजना तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया है, जो भारत सरकार के द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है.
– प्रधानमंत्री आवास योजना सभी नगर निकायों में की जानी है. केन्द्र सरकार द्वारा प्रथम चरण में 14 शहरी निकायों में 16,416 आवासीय इकाई की स्वीकृति.
– कौशल विकास एवं प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर का सर्वेक्षण, परिचय पत्र एवं वेंडिंग-जोन विकसित किए जाने का प्रस्ताव.
– राज्य में झारखण्ड शहरी विकास निधि नामक एक कोष का गठन किया गया है, जिससे नगर निकायों में वृहद् तथा जनोपयोगी योजना एवं आधारभूत संरचना के क्रियान्वयन के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराई जा सके तथा निर्धारित समय समाप्त होने पर नगर निकाय उक्त राशि को राजकोष में जमा कर सकेंगे.
– राज्य में शेष बचे 2,525 अविद्युतिकृत गाँवों को दिसम्बर, 2016 विद्युतीकृत करने का प्रस्ताव.
– NTPC तथा राज्य सरकार के नई संयुक्त उपक्रम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को कार्यान्वित करने का प्रस्ताव.
– तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड में 2660 मेगावाट के अतिरिकत पावर प्लांट स्थापित किये जाने का प्रस्ताव की सहमति.
– दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत ग्रामीण तथा शहरी फीडरों को अलग किया जाना तथा बचे हुए सभी अविद्युतीकृत गाँवों एवं टोलों में विद्युत उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव.
– P-APDRP Part -A योजना में 30 शहरों के विरुद्ध 21 शहरों को Go-Live घोषित किया जा चुका है. P-APDRP Part -2 योजना के तहत् 30 शहरों के विद्युत वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार का कार्य शीघ्र किये जाने का प्रस्ताव.
– विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित 24*7 Power For All के अन्तर्गत अगले तीन वर्षों में 54 अदद् ग्रिड सब-स्टेशन तथा 88 संबंधित संचरण लाइनों का निर्माण करने का प्रस्ताव.
– Domestic Efficient Lighting Programme के तहत् 1 अप्रैल, 2016 से 16,50,000 ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच LED Bulb के वितरण का प्रस्ताव.
– अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के बीच 3,20,000 LED सोलर लैम्प का निःशुल्क वितरण.
8. सूचना प्रौद्योगिकी
– माननीय प्रधानमंत्री जी के डिजीटल इंडिया अभियान में झारखण्ड भी डिजीटल होकर अपनी भागीदारी निभाये एवं डिजीटल विश्व का लाभ उठाये, इसके लिए सरकार ‘‘डिजीटल झारखण्ड’’ बनाने हेतु प्रयासरत है.
– राज्य के प्रत्येक प्रखण्ड को राज्य के मुख्यालय से जोड़ने के लिए प्रखण्डों में विडियो काॅन्फ्रेसिंग की सुविधा उपलब्ध कराया जाना.
– राँची शहर को वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराया जाना.
– राज्य के विभिन्न इंजियरिंग काॅलेजो/प्रबंधन संस्थानों एवं अन्य महाविद्यालयों में कुल 5 (पाँच) Incubation Center की स्थापना की जायेगी. साथ ही, राँची में एक Innovation Center भी अधिष्ठापित किया जायेगा. इस तरह कुशल युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूर्ण किया जा सकता है.
– यह झारखण्ड सरकार द्वारा स्टार्टअप वेनचॅर कैपिटल फण्ड संपोषित परियोजना है. इस परियोजना के तहत् युवाओं को कंपनी स्थापित करने एवं उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
– उड़ान 2016 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों में छिपी आई॰टी॰ प्रतिभा को सामने लाना है. इसके लिए वर्ष 2017 में उड़ान के 100 (एक सौ) विजेताओं को मेधा पुरस्कार/ छात्रवृत्ति दी जायेगी.
9. राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार
– सभी अंचलों में आॅनलाईन म्यूटेशन की व्यवस्था करना.
– भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन.
– भू-नक्शों का डिजिटाईजेशन.
– निबंधन, म्यूटेशन एवं लगान रसीद की आॅनलाईन व्यवस्था के लिए निबंधन एवं राजस्व कार्यालयों का इंटीग्रेशन.
– राँची में Map Printing Press की स्थापना.
– 50 अंचल कार्यालयों एवं 02 निबंधन कार्यालयों का जीर्णोद्धार तथा 50 नये तहसील कार्यालय-सह-हल्का कर्मचारी आवासों का निर्माण.
10. पेयजल एवं स्वच्छता प्रक्षेत्र
– 19 प्रखण्ड मुख्यालय में पाईप जलापूर्ति योजना का निर्माण वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया जाएगा. पलामू, खूँटी, चतरा, सिमडेगा, गोड्डा, जामताड़ा, गढ़वा एवं पाकुड़ जिले, जिसमें पाईप जलापूर्ति से आच्छादन 10 प्रतिशत से कम है, प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में पाईप जलापूर्ति से आच्छादित किया जाएगा.
– सभी विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्रों में एक पाईप जलापूर्ति योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 में ली जाएगी. सभी जिला के अधिकतम ST/SC आबादी वाले पंचायतों में कम से कम एक पाईप जलापूर्ति योजना भी आगामी वित्तीय वर्ष में ली जाएगी.
– आदिम जनजातीय टोलों में सौर ऊर्जा/बिजली चालित पाईप जलापूर्ति योजना का निर्माण भी आगामी वित्तीय वर्ष में किए जाने का प्रस्ताव है.
– अगले वर्ष कम से कम एक जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाएगा. साथ ही, 75 प्रखण्डों के 700 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किए जाने का प्रस्ताव है एवं 50 प्रतिशत स्वच्छता आच्छादन प्राप्त किए जाने का अनुमान है.
– नमामि गंगे परियोजना अन्तर्गत बाढ़ प्रभावित पाँच गाँवों के साथ-साथ कुल 78 गाँवों में UNDP द्वारा शेष कार्य एवं ठोस तरल कचरा प्रबंधन का कार्य कराया जाएगा.
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चय
– अंत्योदय अन्न योजना एवं पात्र गृहस्थ परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के अतिरिक्त आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य के शेष परिवारों को श्वेत राशन कार्ड उपलब्ध कराये जाने की योजना.
– आगामी वित्तीय वर्ष में डबल फोर्टिफायड आयोडिन युक्त नमक का वितरण एक रुपये प्रति किलोग्राम के दर से वितरित किये जाने का प्रस्ताव.
– वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के अंतर्गत मोबाइल किचन के संचालन का प्रस्ताव.
– सभी पी॰डी॰एस॰ दुकानों में डिजिटल वेयिंग मशीन उपलब्ध कराये जाने की योजना.
– मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत् आदिम जनजाति के सभी परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न निःशुल्क देने का प्रावधान.
- राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण तथा पर्यटन विकास
– मलुटी में पहली बार भादो महोत्सव का आयोजन किया गया है तथा मलुटी के मंदिर समूहों का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया गया है. व्यापक पैमाने पर सरायकेला में छऊ महोत्सव का आयोजन किया गया.
– होटल प्रबंधन संस्थान, फुड क्राफ्ट संस्थान, झारखण्ड साहसिक पर्यटन संस्थान, बाबा बैद्यनाथ धाम, बासुकिनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार तथा अन्य प्राधिकार के लिए सहायक अनुदान.
– JTDC द्वारा कतिपय पर्यटक स्थलों के लिए पर्यटक बस आदि परिवहन सुविधा.
– राज्य के गरीब परिवारों को देश के महत्वपूर्ण पर्यटन/धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराने के लिए झारखण्ड पर्यटन विकास निगम को वित्तीय सहायता.
13. विधि व्यवस्था
– राज्य के अति उग्रवाद प्रभावित 16 जिलों में 71 नये स्मार्ट थानों का निर्माण.
– राज्य में अपराध की रोकथाम एवं विधि व्यवस्था के लिए 313 पी॰सी॰आर॰ एवं हाईवे पेट्रोल वाहन उपलब्ध कराने की योजना.
– सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत राँची में सी॰सी॰टी॰वी॰ सर्विलांस प्रणाली लागू किया जाना.
– पुलिस की छवि पिलुल्स फ्रेन्डली बनाया जाना.
– पुलिस कर्मियों की नियुक्ति में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का पालन.
- उद्योग
– राज्य के महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थानों इनक्यूवेश सेन्टर की स्थापना.
– नयी औद्योगिक पूँजी निवेश प्रोत्साहन नीति की आगामी 1 अप्रैल, 2016 से शुरुआत.
– राज्य में कौशल विकास के लिए झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के द्वारा ‘राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क’ को कार्यान्वित किये जाने का प्रस्ताव.
- संसाधनों में अभिवृद्धि
– राज्य की जनता पर किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं.
– कर प्रणाली की प्रक्रिया को सरल, कर अपवंचना को रोक कर राज्य के आंतरिक राजस्व में वृद्धि का प्रस्ताव.
– अंगीकृत बिहार वित्त अधिनियम, 1981 (निरसित) एवं केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 के वर्ष 2005-06 तक के मामलों के समाधान हेतु कर-समाधान योजना, 2015 को वर्ष 2016-17 हेतु विस्तारित करने का प्रस्ताव.
– लेखा पुस्त के अंकेक्षण हेतु सकल बिक्री आवत्र्त की सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 60 लाख किए जाने से लगभग 15,000 छोटे व्यवसायियों को लेखा अंकेक्षण की अनिवार्यता से राहत मिलेगी.
– इसी प्रकार उत्पाद राजस्व में भी दुकानों की बन्दोबस्ती हेतु आॅनलाईन व्यवस्था करने तथा होलोग्राम जैसे प्रभावकारी कदम उठा कर राजस्व में अभिवृद्धि की जाएगी.
– खदानों की निलामी प्रक्रिया को सरल करने, परमिट की व्यवस्था को आॅनलाइन करने एवं बंद खदानों को शीघ्र चालू करने का हमारा प्रयास रहेगा.
प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं वित्तीय प्रबंधन.
– विभागों की संख्या 41 से घटाकर 30 की गयी.
– अनुत्पादक खर्चों में कटौती हेतु योजना-सह-वित्त विभाग में व्यय प्रबंधन कोषांग के गठन का प्रस्ताव.
– राज्य में वित्तीय प्रबंधन में और सुधार लाने के लिए इंटिग्रेटेड फाईनेन्शियल मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम की स्थापना.
– नयी कोषागार संहिता (ट्रेजरी कोड) अप्रैल, 2016 से लागू करने का प्रस्ताव है.
– भ्रष्टाचार के उन्मूलन हेतु राज्य सरकार द्वारा Anti Corruption Bureau (ACB) का गठन किया जा चुका है.
– एक नयी पहल के रूप में कल्याणकारी योजनाओं का Third Party Audit कराने का भी प्रस्ताव है, ताकि योजनाओं के उपयोगिता की बेहतर जानकारी सरकार को मिल सके. इस प्रणाली से लोकधन के व्यय की पारदर्शिता उत्तरदायी रूप से सुनिश्चित हो सकेगी.
– जिला स्तर पर उपायुक्तों के पास जिला योजना अनाबद्ध निधि में 240 करोड़ रुपये का प्रस्ताव.
– मुख्यमंत्री डैश बोर्ड (CM Dashboard) के तहत् सभी विभागों/ जिलों/प्रखण्डों की परियोजनाओं की प्रगति का अनुश्रवण कर सकेंगे. इससे राज्य में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा आसानी से हो सकेगी.
– समेकित निक्षेप निधि (Consolidated Sinking Fund) हेतु भारतीय रिजर्व बैंक के साथ MoU किए जाने का प्रस्ताव. यह एक परिशोधन कोष है, जो भविष्य में बकाया ऋण के भुगतान में प्रयुक्त होगा. इस निधि में अंशदान के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष में किया जा रहा है.
– राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसी परिसंपत्तियाँ, जिनका किसी कारणवश उपयोग नहीं हो रहा है, उनका सर्वेक्षण करा कर उन्हें उपयोगी बनाने की कार्रवाई की जाएगी. (sabhar)