रिपोर्ट: बबूल शर्मा
जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के फुसबंगला में एक ऑटो ड्राइवर को पुलिस द्वारा रविवार को पेट में डंडे मार देने का मामला तुल पकड़ लेता यदि स्थानीय नेेता शमशेर आलम ने चतुराई नहीं दिखाई होती। स्थानीय लोग, पुलिस के खिलाफ आक्रोशित हो गए थे। स्थानिय नेता शमशेर आलम, फैयाज अहमद पहुंंचे और जोड़ापोखर पुलिस की मदद से लोगो को शांत कराया।
हुआ क्या ?
फुसबंगला चौक पर नियमों की अनदेखी कर कई ऑटो चालक ऑटो खड़ा कर सवारी का इंतजार करते हैं। इसी क्रम में एक ऑटो चालक सवारी उतार-चढ़ाव कर रहा था कि तभी चौक पर तैनात सिपाही ने टेम्पू चालक के पेट में डंडा मार दिया। जिसके बाद चालक ने यह कहते हुए विरोध जताया कि लॉक डाउन में पैसा नहीं कमाई हुआ है, इसलिए ऑटो चालक पर गुस्सा बरपा रहे हो। फिर क्या था, सिपाही आग बगुला होकर चालक को कॉलर पकड़कर टेम्पू से उतार कर पिटाई शुरू कर दिया। आसपास के लोग जुट गए। और उल्टा कह रहे हैं कि टेम्पू चालक ने ही उसकी पिटाई की है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने क्या कहा
वहीं घटना के प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय नेता शमशेर आलम ने बताया कि एक ऑटो ड्राइवर अपने ऑटो को लगा कर सवारी बैठा रहा था तभी दो पुलिस वाले ड्राइवर के पेट मे अपना डंडा हूर दिया। जिसमें ड्राइवर ने विरोध किया तो दोनों पुलिस वाले उस ड्राइवर को बुरी तरह पीटने लगे। ये देख कर काफी संख्या मे लोग जुट गए और देखेंते देखते लोग आक्रोशित होने लगे। तभी मैने जोड़ापोखर थाना प्रभारी सत्यम कुमार को इस बात कि सूचना दिया। उसके बाद थाना प्रभारी मौके पर पहुंंचे।
पुलिस वाले ने लाठियां भांजी है, जिसमें कई लोगों को हल्का चोट लगी है। थाना प्रभारी ने मामले को शांत कराया हैं। लेकिन इस बात सें टेंपू चालक और स्थानीय लोग नाराज थे कि ऑटो वाले कि स्थिति काफी खराब हो गई थी। भूखे मारने के कगार पर थे। अभी अपना ऑटो चला कर परिवार का पेट भर रहे हैं। पुलिस को इस तरह मारने का कोई अधिकार नहींं है। कोई गलती करें तो आटो जब्त कर फाइन सकते हैं। मारपीट नहींं किया जा सकता है ।