डालटनगंज, 9 अक्टूबर: हाथरस व बलरामपुर सहित देश विभिन्न हिस्सों में हो रहे दलित व आदिवासी महिलाओं के साथ गैंगरेप व हत्या की घटना के विरोध तथा पीड़ित परिवारों के न्याय की मांग को लेकर आज आॅल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच, राष्ट्रीय दलित न्याय आंदोलन, महिला अधिकार संघर्ष समिति, इप्टा, आईसा और युवा महिला सशक्तिकरण केंद्र के सुयक्त तत्वावधान में समाहारणालय परिसर में राष्ट्रव्यापी पोस्टर मार्च, नुक्कड़ नाटक व कविता के माध्यम से और दलित,आदिवासी सहित तमाम महिलाओं पर हो अत्चायार के खिलाफ आवज बुलंद की।
युवा महिला सशक्तिकरण केंद्र की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक पोस्टर प्रस्तुत कर बेटियों को न्याय देने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला अधिकार संघर्ष समिति के पूनम
विश्वकर्मा ने कहा कि आज दलित व आदिवासी महिला सहित तमाम महिलाएं भय के
माहौल में जी रही है।
आज महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महशुस कर रहीं है।
इसका ताजा उदाहरण है हाथरस की घटना, जहां एक दलित बेटी के साथ विभत्स तरीके से गैंगरेप किया जाता और इलाज के दौरान दम तोड़ देती है। मगर वहां की सरकार घटना पर
पर्दा डालने व साक्ष्य झुपाने के लिए शव को रात्री में ही जला देती हो।
यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। इस कार्यक्रम को कोआॅडिनेट कर रही एजेंल सरकार और जनता से सवाल किया कि क्या हमें आजादी से जीने का हक नहीं? कार्यक्रम में आईसा की जिला अध्यक्ष दिव्य भगत, इप्टा के जिला सचिव रविशंकर, प्रेम प्रकाश, अजीत ठाकुर, शशी पाण्डेय आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम यंग महिला सशक्तिकरण केंद्र की पूजा कुमारी, काजल कुमारी,
गुलाबसा, नेहा, मानीता कुमार, इशरत, तारा, सुशीला, निकिता, गीता, संध्या,आरती,सुमन,रूबी,प्रज्ञा,शिवानी, सोनम, तैयबा, श्वेता सहित कई लोगों ने भाग लिया।