रांची : झारखंड की राजधानी रांची में चारा घोटाला के सजायाफ्ता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग बिहार से झारखंड आ रहे हैं. कोरोना काल में लालू से मुलाकात के लिए आने वालों की वजह से जिला और पुलिस प्रशासन दोनों परेशान है.
लालू से मिलने आने वालों पर नजर रखने के लिए रांची के बरियातू स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के डायरेक्टर बंगला में लालू की सुरक्षा में तीन मजिस्ट्रेट को तैनात कर दिया गया है. तीन शिफ्ट में अलग-अलग मजिस्ट्रेट वहां मौजूद रहेंगे. बिहार में चुनाव के मौसम में हर दिन अलग-अलग जिलों के सैकड़ों लोग रांची आ रहे हैं.
रिम्स में इलाज के लिए भर्ती किये गये लालू प्रसाद यादव से मिलने आये नेताओं की नजर जैसे ही कैमरे पर पड़ती है, सभी भाग खड़े होते हैं. राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े इन नेताओं और पार्टी समर्थकों के मिलने की एक ही वजह है. बिहार चुनाव में टिकट मिल जाये, ताकि चुनाव लड़ सकें. इसलिए बायोडाटा लेकर ही आते हैं. येन-केन-प्रकारेण एक बार लालू प्रसाद से मिल लेना चाहते हैं.
इसलिए रिम्स के डायरेक्टर आवास ‘केली बंगला’ के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटती है. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में आये दिन लालू प्रसाद से मिलने के लिए आने वाले लोगों की भीड़ की तस्वीरें दिखायी जाती हैं. झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कई बार आरोप लगाया है कि बिहार चुनाव को देखते हुए लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगला में शिफ्ट किया गया है.
लालू से मिलने के लिए आने वालों की भीड़ और विपक्षी पार्टियों के विरोध के साथ-साथ झारखंड हाइकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गयी है, जिसमें लालू प्रसाद यादव को फिर से जेल भेजने की अपील की गयी है. इसके बाद जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर लालू प्रसाद की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था.
शुक्रवार से डायरेक्टर बंगला में तीन मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गयी है. अलग-अलग शिफ्ट में तीनों की तैनाती होगी, ताकि सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित की जासके. हालांकि, जब से मजिस्ट्रेट की तैनाती हुई है, राजद के नेता रिम्स के डायरेक्टर बंगला के सामने से हटकर रिम्स परिसर में इधर-उधर घूम रहे हैं.
बता दे की दो दिन पहले ही बाराचट्टी की राजद महिला विधायक समता देवी को रांची जिला प्रशासन ने कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से कोरेंटिन में भेज दिया था. समता देवी ने जिला प्रशासन पर दलित होने की वजह से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. वहीं, इस मामले में बिहार में राजनीति गरमा गयी है और बयानबाजी शुरू हो गयी है.
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