रांची: इस साल राजधानी रांची समेत पूरे देश भर में कंही अच्छी तो कंही भारी बारिश हुई है। जिसके कारण जलाशयों में जलस्तर बढ़ी हुई है, लेकिन रांची वासियों के लिए एक अच्छी खबर भी बारिश के साथ आयी है। कई वर्षों बाद रांची के कांके डैम में औसत क्षमता से अधिक पानी संग्रह हुई है। बढ़ी हुई जल क्षमता को लेकर इस साल 3 बार पानी छोड़ना भी पड़ा है। हलांकि डैम का जलस्तर बढ़ने के बावजूद यहां का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि फिल्टर करने के बाद भी इसका पानी उपयोग में लाने लायक नहीं रह गया है। डैम से काके, रातू रोड, मोराबादी और अप्पर बाजार के सभी इलाकों में पानी सप्लाई होती है।
1955 में बना था डैम
राजधानी रांची के प्रमुख जलाशयों में से एक है कांके डैम। डैम का निर्माण 1955 में की गई थी और साल 1956 में जलापूर्ति के लिए वाटर सप्लाई प्लांट लगाया गया। तब से रांची की बड़ी आबादी का प्यास इस डैम कि पानी से बुझती आ रही है। हर दिन 40 लाख गैलन पानी यहां से सप्लाई की जाती है। इस डैम में पानी संग्रह का औसत क्षमता 2128 फीट है। अच्छी बारिश होने की वजह से 2 साल बाद डैम में औसत क्षमता से अधिक पानी संग्रह हुई है। डैम का जल स्तर को कम करने के लिए 2 फीट पानी छोड़ी जा रही है।
पानी बढ़ी उपयोगिता घटी
रांची की बड़ी आबादी का प्यास बुझाने वाला कांके डैम का जलस्तर बढ़ने के बावजूद लोग नाखुश है। दरअसल इस डैम का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि पीना तो छोड़ बर्तन धोने के उपयोग में भी नहीं लाया जा सकता है। पास से गुजरने परपानी बदबू देता है। शहर के पॉश इलाकों का गंदा पानी इस डैम में प्रवेश करती है। वही डैम का निर्माण होने के बाद से अब तक इसकी सफाई नहीं हुई है, जिसके कारण पानी दिनोंदिन प्रदूषित होती जा रही है
ट्रीटमेंट प्लांट भी खराब
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा करोड़ों की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जरूर लगाया गया है, ताकि पानी को साफ किया जा सके, लेकिन विभाग के अनदेखी के कारण यह प्लांट धराशाई हो गई है।