रिपोर्ट: बबूल शर्मा
धनबाद। ऐसे कम ही उदाहरण देखने को मिलते हैं जब माननीय जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं से खुुद के स्तर से ध्यान दें रहा हो, और लोगों की समस्याओं के साथ पर्यावरण, पशु-पंक्षियों की भी बारीकियों से सुध ले रहा हो। प्रायः देखा यह जाता है कि जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में अभिनंदन समारोह, स्वागतम समारोह, उद्घाटन समारोह, आंदोलन की शंखनाद, आदि से फुर्सत नहीं मिलती है कि साधारण जन के वर्तमान और भविष्य के साथ पर्यावरण तथा पशु-पंक्षियों के बारे में, उनके हितों में कुछ अच्छा कर सके। झरिया सेे कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह उन माननीय जनप्रतिनिधियों में शुमार हो गई हैं जो अपना जीवन दूसरे के लिए न्यौछावर करने की न केबल कुबत रखती हैं। बल्कि, साधारण जन से लेकर, पशु-पंक्षियों, पर्यावरण तक की विशेष ख्याल रखने की हौसला भी रखती हैं और हर वादा को पूूूरा करने की क्षमता भी रखती हैं।
झरिया विधानसभा क्षेत्र में बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनी लगातार पर्यावरण का दोहन कर रहे हैं। करकेंद स्थित नेहरू पार्क में आउटसोर्सिंग कंपनी और बीसीसीएल द्वारा खुदाई, ट्रेंच कटिंग के रूप में एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया है जहां लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यहांं रह रहे स्थानीय लोगों ने आवाज़ उठायी की अवैध खनन किया जा रहा है और खनन के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। फलस्वरूप, पर्यावरण को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। लेकिन, चैन से काली मोटी कमाई के तले दबा डीजीएमएस अधिकारियों, प्रदूषण विभाग समेत बीसीसीएल पदाधिकारियों की नींद नहीं खुली।
बढ़ते प्रदूषण और जनता को हो रही असुविधा के बारे में जानकारी मिलने के साथ ही विधायक पूर्णिमा सिंह स्थल का मुआयना खुद के स्तर से किया और धनबाद डीसी तथा संबंधित पदाधिकारियों को लिखित आवेदन देकर अधिकारिक रुप से खनन पर रोक लगाने की मांंग की है ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके।
विधायक पूर्णिमा सिंह करकेंद स्थित नेहरू पार्क में आउटसोर्सिंग कंपनी और बीसीसीएल द्वारा खुदाई, ट्रेंच कटिंग देेेखकर बोली कि “हाल ही में हमने 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया और एक प्रण भी लिया की हम अपने पर्यावरण का संरक्षण करेंगे। परंतु यह बातें महज़ किताबी हो जाती हैं जब तक हम वाक़ई में कोई ऐसा कदम ना उठाए और लगातार प्रयास ना करें।उन्होंने कहा, करकेंद स्थित नेहरू पार्क में आउटसोर्सिंग कंपनी और बीसीसीएल द्वारा खुदाई से जिस तरह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, यह दुर्गति देखने के बाद भी हम चुप बैठेंगे?
क्या हमारा कर्तव्य नहीं की हम प्रकृति और उसके बनायें नियम के दायरों में रह कर विकास का मार्ग ढूंढे?
विधायक पूर्णिमा सिंह ने कहा, यहांं का उच्चस्तरीय कोयला इस देश की धरोहर है किंतु यहांं रह रहे लोग और उनका स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा किसकी ज़िम्मेदारी है? विधायक पूूर्णिमा ने कहा कि आखिर क्यूंं खनन में लगातार सरकारी नियमों की खिल्ली उड़ायी जाती है? कोयला आवश्यक है तो लोग, उनके अधिकार और भूमि का दोबारा संरक्षण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि, यह सोचने का समय है माँ प्रकृति के अनुसार जीवन जीने का अन्यथा प्रकृति के एक झटके ने विश्व को स्थूल कर दिया है, आगे के भयावह परिणाम हम सोच भी नहीं सकते।
बताया कि करकेंद स्थित नेहरू पार्क में आउटसोर्सिंग कंपनी और बीसीसीएल द्वारा खुदाई, ट्रेंच कटिंग पर रोक लगाने के लिए डीसी को पत्र प्रेसित किया है। पत्र देकर अवगत कराया है और इस पर आधिकारिक रूप से रोक लगाने के लिए प्रयासरत भी हूं। खनन को देखकर झरिया की अनेको ओपन कास्ट स्थल ज़हन में आ जाते जिनके कारण आज झरिया भारत का सबसे प्रदूषित स्थान है और धनबाद दूसरा। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण बेेेहद जरूरी है।